Sankat Mochan Hamuman Mandir (Shri Sarvadharm Hanuman Mandir) Raipur
रायपुर रेलवे स्टेशन परिसर में मौजूद सर्वधर्म संकटमोचन हनुमान मंदिर है. इस मंदिर में हर धर्म के लोग मत्था टेकते हैं. यहां सबकी मन्नतें पूरी होती है.
रायपुर: देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ हनुमान जी की जयंती मनाई जा रही (Hanuman Jayanti Special ) है. कहीं जुलूस निकाले जा रहे हैं तो कहीं विशाल भंडारा का आयोजन किया गया है. रायपुर में भी वीर हनुमान की जयंती धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. ईटीवी भारत इस खास मौके पर आपको एक ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहा है जहां सभी धर्मों के प्रतीक चिन्ह है. हर धर्म और संप्रदाय के लोग यहां पूजा-अर्चना करते हैं. इस मंदिर में हर धर्म के लोग मत्था टेकते हैं. शहरवासी इसे साम्प्रदायिक सौहाद्र के प्रतीक का मंदिर भी मानते हैं.
स्टेशन परिसर में स्थित है मंदिर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के हृदय स्थल माने जाने वाले रेलवे स्टेशन परिसर में सर्वधर्म संकटमोचन हनुमान मंदिर है. कहा जाता है कि इस मंदिर की नींव स्टेशन के कुलियों द्वारा रखी गई थी. उसके बाद स्थानीय लोगों ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया है. इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां सभी धर्मों के प्रतीक चिन्ह है. कोरोना की वजह से दो साल बाद हनुमान जयंती पर विशेष कार्यक्रम किए जा रहे हैं. विभिन्न मंडलियों द्वारा रामायण का पाठ किया जा रहा है. इसके साथ ही विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया है. जिसमें करीब 15 हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है.
40-50 साल पुराना है मंदिर: इस विषय में मंदिर के पुजारी कहते हैं कि, मंदिर को सबसे पहले रेलवे परिसर में काम करने वाले कुलियों ने बनाया था. बाद में इसका जीर्णोद्धार समिति के द्वारा किया गया. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस मंदिर को बने 40-50 साल हो गया है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मन्नतें पूरी होती हैं. रेलवे परिसर में मंदिर होने की वजह से दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. यहां सभी धर्मों के देवी-देवता विराजमान हैं.
मंदिर के बाहरी हिस्से में सभी धर्मों के प्रतीक:
यहां सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां है. इसके साथ ही मंदिर के बाहरी हिस्से में सभी धर्मों के प्रतीक चिन्ह है. सभी धर्मों के लोगों की आस्था का यह केंद्र बिंदु है. कोविड की वजह से दो साल से भंडारा नहीं हुआ था. इस साल भव्य भंडारा का आयोजन किया गया है. साथ ही मंदिर में आज प्रभु का अभिषेक किया गया है. समिति के ही मंजुल मयंक श्रीवास्तव कहते हैं कि यह मंदिर आपसी भाई-चारे का प्रतीक है. यहां दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं. आज सुबह से ही यहां भक्तों का तांता लगा हुआ है. मंदिर में दर्शन करने आई एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि वह अक्सर यहां आती है. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. यहां आने वालों की मुरादें भी पूरी होती है.