Dongeshwar Mahadev Jangalpur, Chhattisgarh
अद्भुत है भगवान शिव का ये मंदिर, 12 महीने नंदी के मुंह से निकलता है जल
छत्तीसगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. राज्य में एक से बढ़कर एक धार्मिक और प्राकृतिक स्थल हैं. तो वहीं छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के पास एक ऐसी जगह है जो प्राकृतिक सुंदरता के साथ धार्मिक दृष्टि से भी काफी महत्व रखता है. इस धाम पर नंदी महाराज के मुंह से बारों महीना पानी अपने आप ही निकलता है. यह पानी कभी नहीं रुकता. हम बात कर रहे हैं प्रकृति के बीच समाए शिव जी के एक धाम की जिसे डोंगेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. शिव जी का यह धाम प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है.
यहां आकर आपको एक ओर जहां प्रकृति के बीच आने का मौका मिलेगा तो वहीं धार्मिक दृष्टि से भी यह जगह काफी महत्वपूर्ण है. शिव जी का यह मंदिर काफी प्राचीन और खास है. डोंगेश्वर महादेव राजनांदगाँव जिला मुख्यालय से लगभग 75 कि.मी. की दूरी पर स्थित है. गण्डई (नर्मदा)-बालाघाट मार्ग पर लगभग 8 किलोमीटर चलने के बाद आपको यह जगह मिल जाएगी. यहाँ प्रकृति अपनी सम्पूर्ण मनोरमता के साथ बिखरी हुई है.
1974 में हुआ था मंदिर का निर्माण
पहले इस स्थान का नाम चोड़रापाट था, जो अब चोड़राधाम हो गया है. इस स्थान के प्राकृतिक सौन्दर्य से प्रभावित होकर गण्डई के भूतपूर्व जमीदार लाल डोगेन्द्रशाह खुशरों ने यहाँ लोगों को मंदिर निर्माण की प्रेरणा दी और उसी के फलस्वरूप 1974 में यहाँ शिव मंदिर का निर्माण किया गया. यहाँ की प्राकृतिक शोभा बड़ी ही निराली है. बड़े-बड़े चट्टान, चट्टानों के बीच झरता जल का प्राकृतिक अविरल स्त्रोत हृदय के तारों को झँकृत कर शीतलता प्रदान करता है.
सावन में लगती है श्रद्धालुओं की लंबी कतार
इसी अविरल स्त्रोत को 1974 में संगमरमर से निर्मित गो-मुख से निकालकर शिवलिंग पर प्रवाहित किया गया. जिसे लोग गुप्त गंगा कहते हैं. इस गुप्त गंगा का स्त्रोत स्थल आज भी गुप्त है. वहीं सावन के समय यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है. सावन के माह में यहां मेले का आयोजन भी किया जाता है. जो की बेहद खास होता है. इस जगह पर आपको शिव जी भक्ति और प्राकृतिक सुंदरता के बीच होने का अहसास होगा जो की बहुत खूबसूरत होता है.