Shiv Temple Sarona
Sarona Basti,Tatibandh, Raipur, Chhattisgarh
रायपुर के सरोना शिव मंदिर में संतान की कामना के लिए दर्शन करने आते हैं दंपती
कल्चुरि राजा ब्रह्मदेव राय के शासन काल में 620 साल पहले हटकेश्वर महादेव,250 साल से अधिक प्राचीन है सरोना मंदिर।
राजधानी में तीन ऐसे शिव मंदिर हैं, जो 200 साल से लेकर 600 साल से अधिक पुराने हैं। इन मंदिरों की अपनी अपनी मान्यता होने से यहां महाशिवरात्रि और सावन के महीने में दर्शन करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है। सरोना के शिवमंदिर में पुत्र प्राप्ति की कामना में दंपती यहां दर्शन करने आते हैं। शिवलिंग का अभिषेक करने और मनौती मांगने के लिए कांवर लेकर दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध महादेवघाट पर हटकेश्वर महादेव ,सरोना गांव में शिव मंदिर व बूढ़ा तालाब के सामने बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर है।
कल्चुरि राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय के शासन काल में हाजीराज नाइक ने 620 साल पहले हटकेश्वर महादेव का मंदिर बनवाया था। यह मंदिर शहर के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक से लगभग 10 किलोमीटर दूर खारुन नदी के किनारे महादेव का मंदिर है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर की तरह रायपुर के महादेव घाट का मंदिर प्रसिद्ध है। यहां 500 साल से अखंड धूनी जल रही है। खारुन नदी तट पर मंदिर के पास से मेला लगता है। साल में दो बार मेला आकर्षण का केंद्र होता है। पहला मेला कार्तिक पूर्णिमा और दूसरा महाशिवरात्रि पर लगता
है। महादेवघाट के आसपास छोटे-बड़े करीब 50 मंदिर है। इनमें काली मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, कुम्हार मंदिर, संगमरमर से बना हनुमान मंदिर, सांई मंदिर आदि प्रसिद्घ है।